
नर्मदेश्वर शिवलिंग (बकावा)
अत्यंत पवित्र स्वरूप नर्मदेश्वर नर्मदा नदी के कंकर से बनते है| इसलिए हम इस शिवलिंग को नर्मदेश्वर शिवलिंग कहते है| यह घर में स्थापित करने वाला चमत्कारी शिवलिंग है|
जिसकी पूजा अर्चना अत्यंत फलदायी है| यह स्वयंभू शिवलिंग है| इसमे निर्गुण निराकार ब्रह्मशिव स्वयं प्रतिष्ठित है| यह शिवलिंग स्वप्रतिष्ठित होते है|इनको प्राणप्रतिष्ठा की अवश्यकता नही होती है| नर्मदेश्वेर शिवलिंग को बाणलिंग भी कहा जाता है |



नर्मदेश्वर शिवलिंग की सम्पूर्ण जानकारी || Complete information of Narmadeshwar Shivling
- नर्मदेश्वर शिवलिंग (बकावा)
- नर्मदेश्वर शिवलिंग की सम्पूर्ण जानकारी || Complete information of Narmadeshwar Shivling
- Narmadeshwar shivling ka arth || नर्मदेश्वर शिवलिंग का अर्थ
- नर्मदेश्वेर शिवलिंग के लाभ || Narmdeshwar shivling ke labh
- नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना कैसे करे || narmada shivling ki puja kaise kare
- नर्मदेश्वर शिवलिंग कहाँ और कैसे बनते है – Narmadeshwar shivling kaise bante hai
- Narmadeshwar shivling shop bakawan madhya prad
- नर्मदेश्वर शिवलिंग अपने आप में एक सिद्ध शिवलिंग है जो एक प्राक्रतिक रचना है|
- नर्मदेश्वर शिवलिंग online || Online Narmada shivalingm
- शिवलिंग और जलाधारी क्या है || Narmadeshwar Shivling with Yoni
- Shivling direction
- नर्मदेश्वर शिवलिंग की पहचान || How to identify original narmadeshwar shivling
- नर्मदेश्वर शिवलिंग कितने प्रकार के होते हैं || Narmdeshwar shivling kitane prakr ke hote ha
- बकावां के प्रसिद्ध नर्मदेश्वर शिवलिंग
- Frequently Asked Questions
- घर के अंदर कितना बड़ा शिवलिंग रखना चाहिए ?
- क्या हम नर्मदेश्वर शिवलिंग का लॉकेट पहन सकते हैं ?
- सफेद शिवलिंग और काले शिवलिंग में क्या अंतर है ? –
- नर्मदेश्वर शिवलिंग का महत्व क्या है ? || Narmdeshwar shivling ka mahatw
- नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा कैसे करनी चाहिए ? || Narmdeshwar shivling ki pooja kese karani chahiye
- शिवलिंग पर तुलसी चढ़ा सकते है ?
नर्मदेश्वर शिवलिंग का महत्व || Narmadeshwar Shivling Story
नर्मदेश्वेर शिवलिंग का नाम बाणासुर के नाम पर बाणलिंग रखा गया था | प्राचीन काल की कथा है | बाणासुर नाम का एक दानव था|
जो भोलेनाथ की भक्ति करता था | बाणासुर कुल का तो राक्षश था परन्तु भक्तराज प्रह्लाद के कुल का होने के कारण भगवान में भी आस्था रखता था|
एक बार बाणासुर ने भगवान शिव शम्भू की घोर तपस्या की|जिससे भगवान भोले नाथ प्रसन्न हुए, और बाणासुर को वरदान मागने को कहा बाणासुर ने भोले नाथ से कहा की
मुझे शिवलिंग प्रदान कीजिये तभी भोले नाथ ने शिवलिंग का निर्माण किया | बाणासुर ने भोले नाथ से कहा की आप सदैव इस शिवलिंग के रूप में रहेगे
तब भोले नाथ ने प्रसन्न होकर कहा की में इस शिवलिंग के रूप में सदा विराजमान रहूँगा| बाणासुर खुश होकर शिवलिंग अपने साथ ले गया |
तथा उन्हें अमरकंटक नामक पर्वत पर विराजित करके पूजा अर्चना करता था |यह शिवलिंग पर्वत से गिरकर नदी में बहने लगे| वह नदी कोई नही बल्कि स्वयं माँ नर्मदा थी | क्युकि अमरकंटक पर्वत से माँ नर्मदा का ही आगमन हुआ है |
और शिवलिंग बाणासुर के द्वारा लाये गये थे|इसलिए इनका नाम बाणलिंग भी रखा गया और नर्मदा में बहने के कारण इन्हे नर्मदेश्वेर शिवलिंग कहा जाता है|


Narmadeshwar shivling ka arth || नर्मदेश्वर शिवलिंग का अर्थ
नर्मदेश्वर शिवलिंग का अर्थ साधारण शब्दों में समझे तो माँ नर्मदा के तल में रहने के कारण -और भोलेंनाथ के वरदान के कारण जो नर्मदेश्वर नाम रखा है | वह है “नर्मदा का ईश्वर नर्मदेश्वर ” ऐसा माना जाता है
की माँ नर्मदा अपने में समाहित शिव स्वरूप नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा स्वयं माँ नर्मदा करती है|और हम जब यह शिवलिंग नर्मदा के तल से निकालते है
तो हमें इस शिवलिंग पर पूजा की हुयी आकृतिया साफ-साफ दिखाई देती है-माँ नर्मदा और भोलानाथ दोनों का आशीर्वाद नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा-आराधना करने से प्राप्त होता है|
नर्मदेश्वर शिवलिंग क्या है || What is Narmada Shivling
नर्मदेश्वेर शिवलिंग ही एक ऐसा शिवलिंग है, जो सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है| नर्मदेश्वेर शिवलिंग की पूजा से सभी देवताओ की पूजा हो जाती है|
नर्मदेश्वेर शिवलिंग भगवान शिव का साक्षात् स्वरूप है| जिसकी पूजा-अर्चना करने से- भगवान शिव शम्भु प्रसन्न होते है| तथा हर मनोकामना पूर्ण करते है|
शास्त्रों के अनुसार हजारो मिट्टी के शिवलिंग की पूजा करने से जो पूण्य मिलता है-वही पूण्य नर्मदेश्वेर शिवलिंग के दर्शन मात्र से प्राप्त हो जाता है |
नर्मदेश्वेर शिवलिंग को घर में स्थापित करने वाले को सभी सुखो की प्राप्ति होती है-तथा परिवार में शांति का वातावरण रहता है| नर्मदेश्वेर शिवलिंग जिस भी घर में रहता है|-उस घर पर भगवान भोले नाथ की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है|
नर्मदेश्वेर शिवलिंग के लाभ || Narmdeshwar shivling ke labh
नर्मदेश्वर शिवलिंग का पूजा में विशेष महत्व है | जो सभी कार्यो को सिद्ध करने वाला शिवलिंग है
नर्मदेश्वर शिवलिंग पर पूर्ण श्रद्धा-भाव से अगर एक लोटा जल भी अर्पित करे -तो भी भोलानाथ अपने भक्तो की सभी मनोकामनाए पूरी करते है |
शिवलिंग की पूजा करने या धारण करने से मन में शांति और सकारात्मक विचार आते है |
परन्तु शास्त्रों के अनुसार कुछ वस्तुओ का उल्लेख किया गया है की भोलेनाथ पर अलग- अलग मनोकाना पूर्ति के-लिए अलग-अलग वस्तुए अर्पित की जाये |
जैसे की शंकर वाला दूध चढाने से शुगर की बीमारी से मुक्ति मिलती है| -पंचामृत से अभिषेक करने पर पुत्र की प्राप्ति होती है
और अगर पति-पत्नी दोनों शिवलिंग की मिलकर पूजा-पाठ करे तो परस्पर प्रेम बना रहता है |
नर्मदेश्वर शिवलिंग की नित्य पूजा करने से सब प्रकार की सुख समृद्धि प्राप्त होती है और शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पण करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है|
नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना के फायदे || Narmadeshwar Shivling ke fayade



भारत में सबसे पवित्र नदी नर्मदा नदी को माना गया है| क्योकि गंगा नदी में स्नान करने से जो पुण्य प्राप्त होता है|-
वही पुण्य नर्मदा नदी के दर्शन मात्र से प्राप्त हो जाता है| क्योकि नर्मदा नदी को भगवान शिव की पुत्री माना जाता है|-
नर्मदेश्वर शिवलिंग की घर में स्थापना करने से सभी प्रकार की सुख-शांति और लक्ष्मी का वास होता है|-
क्युकी नर्मदा नदी पर भगवान शिव की विशेष कृपा है| नर्मदा को यह वरदान भी प्राप्त है की नर्मदा से निकला हर पत्थर शिव का प्रतिक माना जायेगा|
अतः नर्मदा से निकलने वाले शिवलिंग को नर्मदेश्वर शिवलिंग कहते है क्योकि नर्मदेश्वर शिवलिंग में समस्त ऊर्जा समाहित है
जिसमे सृजन और नाश दोनों की शक्ति है| नर्मदेश्वर शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नही होती है|-इसे सीधे नदी से निकाल कर घर या मंदिर में स्थापित किया जा सकता है –
नर्मदेश्वर शिवलिंग स्वयंम्भू होते है जिनकी पूजा करने से शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते है | नर्मदेश्वर शिवलिंग को बाणलिंग भी कहा जाता है
नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना कैसे करे || narmada shivling ki puja kaise kare
हजारो मिट्टी के शिवलिंग की पूजा करने से जो पुण्य प्राप्त होता है| वही पुण्य नर्मदेश्वर शिवलिंग के दर्शन मात्र से प्राप्त हो जाता है|
- नर्मदेश्वर शिवलिंग को घर में साफ और खुली जगह रखने से घर में शांति बनी रहती है| और घर में बुरी बाधाएं नहीं आती है|
- शिवलिंग की हमेशा पूरे विधि विधान के साथ पूजा करनी चाहिए अन्यथा इसको घर में रखने से कई तरह के नुक्सानों का सामना करना पड़ सकता है।
- शिवलिंग को घर में अंगूठे के बराबर मोटा व 4 इंच का रखना अति शुभ बताया गया है| इसलिए घर में ज्यादा बड़े आकार का शिवलिंग नहीं रखना चाहिेए बल्कि छोटा नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित करना चाहिए। शिवलिंग की लंबाई व्यक्ति के हाथ के अंगूठे से ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए।
- नर्मदेश्वर शिवलिंग पर कभी भी तुलसी, हल्दी और केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए,क्युकी पुरानो में इसके बारे में उल्लेख है की भगवान बोले नाथ को ये फुल नहीं चढ़ाये जाते |
- शिवपुराण के अनुसार हमें अपने घर में एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखने चाहिए।
- शिवलिंग का स्थान बदलते समय उसके चरणों को स्पर्श करे तथा एक बर्तन में गंगाजल भरकर उसमें शिवलिंग को रखें। यदि शिवलिंग पत्थर का बना है तो उसका गंगाजल से अभिषेक भी करें
- यदि आप धातु से बना शिवलिंग रखते है तो ध्यान रखे की यह सोने का शिवलिंग , चाँदी का शिवलिंग या तांबे का शिवलिंग बना हो तो उसमे धातु का बना एक नाग लिपटा हो।
नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना के फायदे || Narmadeshwar shivling ke fayade
- शिवलिंग को घर में स्थापित करके पूजा करने से सुख समृधि तथा धन धान्य की प्राप्ति होती है
- नर्मदेश्वर शिवलिंग पर शक्कर वाला दूध चढाने से बच्चो के मस्तिष्क का विकास होता है|
- शिवलिंग पर गेहू चडाने से पुत्र रतन की प्राप्ति होती है|
- शहद चढाने से डायबिटीज और मधुमेह जैसे रोगो से मुक्ति मिलती है|
- नर्मदेश्वर शिवलिंग को घर में स्थापित करके प्रतिदिन प्रातः दीपक जलाने से शिवलोक की प्राप्ति होती है
- शिवलिंग की बेलपत्र से पूजा करने से सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है|
- नर्मदेश्वर शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करने पर बाधाओ का नाश होता है
आप सभी नर्मदेश्वर शिवलिंग की महिमा जानने के बाद सोच रहे होगे की| नर्मदेश्वर शिवलिंग कहाँ और कैसे बनते होगे तो हम आपको बताने वाले है नर्मदेश्वर शिवलिंग के बनने की पूरी प्रक्रिया
नर्मदेश्वर शिवलिंग कहाँ और कैसे बनते है – Narmadeshwar shivling kaise bante hai
मध्यप्रदेश में जो नर्मदा नदी बहती है| उसके खरगोन जिले में नर्मदा नदी किनारे पर बसा एक बकावां गाँव है|
यह गांव खरगोन जिले की कसरावद तहसील से 25 किमी दूर स्थित है| आज यहां 5000 जन संख्या में से 1000 से 1800 लोग शिवलिंग निर्माण में जुटे हुए है।
Narmadeshwar shivling shop bakawan madhya prad
पूरी दुनिया में सिर्फ बकावां ही एक ऐसी जगह है जहाँ पर नर्मदा के पत्थरों से नर्मदेश्वर शिवलिंग बनाये जाते हैऔर दुनिया में भर में भेजे जाते है|नर्मदेश्वर शिवलिंग नर्मदा के तल से निकले पत्थरों के बने होते है|
नर्मदा नदी के तेज बहाव के कारण बड़े-बड़े पत्थर आपस में टकरा- टकरा के एक अंडकार रूप शिवलिंग के जैसी आकृति ले लेते है|
जो अत्यंत पवित्र माने गये है जिन्हें गाँव के लोग नर्मदा नदी के तल से निकालते है |तथा इन्हे कारीगरों द्वारा तरासने का काम किया जाता है|
शिवलिंग प्राकृतिक ही अंडकार रूप में होने के कारण तरासने में आसानी होती है| नर्मदेश्वर शिवलिंग अनेक रंग में पाए जाते है जैसे भूरे रंग ,काले रंग,बादामी रंग या नीले रंग में भी पाए जाते है|
नर्मदेश्वर शिवलिंग अपने आप में एक सिद्ध शिवलिंग है जो एक प्राक्रतिक रचना है|
नर्मदा से जो पत्थर निकलते है, उन्हें कारीगरों द्वारा तरासने के बाद अनेक प्रकार की आकृतिया उभर कर आती है| नर्मदेश्वर शिवलिंग में जैसे “ॐ” की आकृति
तिलक की आकृति उभर कर सामने अति है “ॐ” की आकृति बहुत कम देखने को मिलती है क्योकि “ॐ” स्वयं भोले नाथ का प्रतीक है|
और इसके अलावा बकावां में निर्मित शिवलिंग की सबसे अनोखी बात यह भी है कि यहां बनने वाले शिवलिंग कोई साधारण रूप वाले नहीं होते है।
यहां निर्मित शिवलिंग को ध्यान से देखे तो उन पर अनेक प्रकार के आकृति बनी हुई देखी जा सकती है जैसे ओम, स्वास्तिक, नाग, गणेश, शिवपार्वती, शिव का अर्द्वनारेश्वर रूप और मस्तक पर तिलक के समान शिवलिंग मिल जाते है।
ब्लैक नर्मदेश्वर शिवलिंग || Black narmadeshwar shivling

माँ नर्मदा की गोद से प्राप्त शिवलिंग अनेक रंग और आकार-प्रकार के होते है | जिसमे सबसे विशेष ब्लैक(काला) नर्मदेश्वर शिवलिंग होते है| माँ नर्मदा के तल से प्राप्त यह विशेष प्रकार का शिवलिंग है |
जो एक इंच से 15 फिट तक के शिवलिंग होते है | माँ नर्मदा से निकलने वाले पत्थरों में से ब्लैक कलर के पत्थर को निकाल कर कारीगरों द्वारा शिवलिंग का शेप दिया जाता है |
ब्लैक शिवलिंग को घर में रखने एवं पूजा करने से सभी सभी बुरी शक्तियों का नाश होता है और मन में सकारात्मक विचार आते है |
भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के लिए और सभी बुरी शक्तियों का नाश करने के लिए ब्लेक नर्मदेश्वर शिवलिंग घर में आवश्य स्थापित करे |घर में केवल 4 इंच का नर्मदेश्वर शिवलिंग ही स्थापित करना चाहिए |
नर्मदेश्वर शिवलिंग online || Online Narmada shivalingm
नर्मदेश्वर शिवलिंग माँ नर्मदा के तल से निकलने वाले पत्थरों से निर्मित होते है | जिनको मशीनों द्वारा तरास कर तैयार किया जाता है | जो ओरिजिनल नर्मदेश्वर शिवलिंग होते है|
जिन्हें आप हमारी वेबसाइट “ https://narmadeshwarbanalingamshivling.in/ ” से या फ़ोन से online घर पर आर्डर कर सकते है
शिवलिंग और जलाधारी क्या है || Narmadeshwar Shivling with Yoni
आप सभी ने नर्मदेश्वर शिवलिंग के बारे मे तो जानकारी प्राप्त कर ली परन्तु आपके मन में एक विचार आ रहा होगा की शिवलिंग तो खरीद लेगे परन्तु शिवलिंग को जिस वेदी पर रखते है| उसे क्या कहते है तथा शिवलिंग और जलाधारी का क्या रहस्य है,
जो सदैव साथ में रखे जाते है| शिवलिंग भगवान शिव का एक प्रतीक है| जो परम कल्याणकारी तथा शुभदायक है| शिवलिंग एक आदि अनंत स्वरूप है,
जिसमे समस्त ब्रह्माण्ड की ऊर्जा समाहित है, जिससे सम्पूर्ण सृष्टि का सृजन होता है| शिवलिंग भगवान शिव का अदि अनंत स्वरूप है,
शिव का अर्थ है परम कल्याण कारी तथा लिंग का अर्थ चिन्ह जो शिव का प्रतिक है|उसी प्रकार शक्ति(माता पार्वती) का स्वरूप जलाधारी है
जो महामाया समस्त चराचर जगत को उत्पन्न करती है तथा सृष्टी के सृजन और विनाश की शक्ति रखती है| शिवलिंग और जलाधारी माता पार्वती और भोलेनाथ का अनादी अनंत एकल स्वरूप है|
जो समस्त सृष्टी में संतुलन बनाये रखता है शिवलिंग और जलाधारी को पुरुष और प्रकृति की समानता का प्रतिक भी माना गया है | क्योकि शक्ति और पदार्थ से मिलकर ही सृष्टी की रचना हुयी है| हमारा शरीर पदार्थ से मिलकर बना है, तथा आत्मा ऊर्जा से मिलकर बनी है|
उसी प्रकार पुरुष और प्रकृति भी एक दुसरे के पूरक है|अर्धनारेश्वर शिवलिंग में भी भगवान भोले नाथ और माता पार्वती दोनों विराजमान रहते है
घर में शिवलिंग किस दिशा में रखना चाहिए || Shivling for Home
अगर आप घर में शिवलिंग की स्थापना करने के बारे में सोच रहे है तो ,आपको कुछ बातो का ध्यान रखना चाहिए , जिस से आप पर भगवान शिव हमेशा प्रसन्न रहे और आपकी सभी मनोकामनाये जल्दी से जल्दी पूरी हो सके|
शिवलिंग की पूजा, एक ऐसी पूजा है जिस से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते है |इसलिए आपको पूजा करते वक़्त कोई ऐसा काम नी करना चाहिए जिसे से भगवान शिव आप की पूजा से रूष्ट हो|
हमें हमेशा शिवलिंग की पूजा बढ़ी आस्था और विश्वाश के साथ करना चाहिए , क्युकि ये पूजा बहुत ही फलदायी होती है, जो की आपके जन्म जन्मांतर के पापो का नाश कर देती है |
Shivling direction
आपको कभी भी शिवलिंग से पूर्व दिशा की ओर नहीं बैठना चाहिये। क्योंकि यह दिशा भगवान शिव के आगे या सामने होती है और धार्मिक दृष्टि से देव मूर्ति या प्रतिमा का सामना या रोक ठीक नहीं मानी गई है।
- शिवलिंग से उत्तर दिशा में भी न बैठे। क्योंकि माना जाता है कि इस दिशा में भगवान शंकर का बायां अंग होता है, जो शक्तिरुपा देवी उमा का स्थान है।
- जब भी आप घर में पूजा के दौरान शिवलिंग से पश्चिम दिशा की ओर नहीं बैठना चाहिए। क्योंकि वह भगवान शंकर की पीठ मानी जाती है। इसलिए पीछे से देवपूजा करना शुभ फल नहीं देती।
- आखिर में एक दिशा बचती है – वह है दक्षिण दिशा। इस दिशा में बैठकर पूजा फल और इच्छापूर्ति की दृष्टि से श्रेष्ठ मानी जाती है। सरल अर्थ में शिवलिंग के दक्षिण दिशा की ओर बैठकर यानी उत्तर दिशा की ओर मुंह कर पूजा और अभिषेक शीघ्र फल देने वाला माना गया है।
नर्मदेश्वर शिवलिंग की पहचान || How to identify original narmadeshwar shivling
नर्मदेश्वर शिवलिंग की पहचान – नर्मदेश्वर शिवलिंग माँ नर्मदा से प्राप्त होता है| इसलिए यह नर्मदेश्वर शिवलिंग आपको विभिन्न कलर , साइज़ और विभिन्न प्रकार की आकृतियों में मिल जाता है|
आप ऑनलाइन और ऑफलाइन कही से भी खरीद सकते है|आप किस भी प्रकार का नर्मदेश्वर शिवलिंग खरीद सकते है|
क्युकि माँ नर्मदा के सभी पत्थर एक समान है| क्युकी माँ नर्मदा के सभी पत्थरो को भगवान शिव का ही रूप माना जाता है जो हमारी सभी समस्यों को का निवारण कर देता है|
इसलिए नर्मदेश्वर शिवलिंग की पहचान करना थोडा मुश्किल काम होता है | और अगर सच्चे मन से और पुरी आस्था से भगवान की पूजा करे तो ,नर्मदेश्वर शिवलिंग के रूप में भगवान शिव की कृपा द्रष्टि हमेशा हम पर और हमारे परिवार पर सदा बनी रहती है
नर्मदेश्वर शिवलिंग कितने प्रकार के होते हैं || Narmdeshwar shivling kitane prakr ke hote ha
नर्मदेश्वर शिवलिंग कितने प्रकार के होते हैं माँ नर्मदा से अनेक आकार और कलर के शिवलिंग प्राप्त होते है |
किसी कलर और आकार का शिवलिंग हम खरीद सकते है| क्युकी माँ नर्मदा से निकले सभी कंकर भगवान भोलेनाथ का ही स्वरूप है|
केवल हमारे अन्दर श्रदा और भाव होना चाहिए | नर्मदेश्वर शिवलिंग 9 प्रकार के होते है |जैसे ब्लेक नर्मदेश्वर शिवलिंग ,जानेव नर्मदेश्वर शिवलिंग, ॐनर्मदेश्वर शिवलिंग, तीलक नर्मदेश्वर शिवलिंग ,
मधु नर्मदेश्वर शिवलिंग , त्रिपुण्ड धारी नर्मदेश्वर शिवलिंग, अर्धनारेश्वर नर्मदेश्वर शिवलिंग, बनालिंगम ,नेचुरल नर्मदेश्वर शिवलिंग |
बकावां के प्रसिद्ध नर्मदेश्वर शिवलिंग



ग्राम बकावां मध्यप्रेश के खरगोन जिले में स्थित है | जहा लाखो की संख्या में शिवलिंग का निर्माण होता है|-गांव के हजारो परिवार शिवलिंग के निर्माण का कार्य कर रहे है|
यहाँ पर माँ नर्मदा के तल से पत्थर को निकाल कर शिवलिंग का निर्माण किया जाता है |
इन पत्थरों को मशीनों से तरास कर चिकना और अंडाकार रूप दिया जाता है अगर आप सोच रहे है|की शिवलिंग कहा से खरीदना चाहिए|
तो हम आपको बता दे की असली नर्मदेश्वर शिवलिंग सिर्फ बकावां गांव में ही मिलते है |-आप कही से भी online ऑर्डर कर सकते है|
आपके घर तक शिवलिंग पहुचने का मोका अवश्य दे | हमारे द्वारा लाखो घरो में शिवलिंग पहुचाये गये है -और लोग प्रतिदिन पूजा अर्चना कर भोलानाथ को प्रसन्न कर रहे है |
अगर आप भी अपने घर शिवलिंग स्थापित करना चाहते है|तो अभी हमें कॉल करे और शिवलिंग अपने घर पर प्राप्त करे |
Frequently Asked Questions
घर के अंदर कितना बड़ा शिवलिंग रखना चाहिए ?
पुरानो के अनुसार शिवलिंग को घर में अंगूठे के बराबर मोटा व 2 इंच से 4 इंच का रखना -अति शुभ बताया गया है|
घर में ज्यादा बड़े आकार का शिवलिंग नहीं रखना चाहिेए |बल्कि छोटा नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित करना चाहिए।
शिवलिंग की लंबाई व्यक्ति के हाथ के अंगूठे से ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए।
नर्मदेश्वर शिवलिंग कितने का मिलता है ? || Narmdeshwar shivling price
नर्मदेश्वर शिवलिंग की कीमत उसके साइज़ के आधार पर तय की जाती है| जितना बड़ा शिवलिंग रहता है उतनी ही उसकी कीमत होती है जैसे
किमत | 999/ |
मटीरियल | नर्मदा पत्थर |
साइज़ | 3 इंच |
विक्रेता | https://narmadeshwarbanalingamshivling.in |
उद्देश्य | घर में स्थापना के लिए |
नर्मदेश्वर शिवलिंग घर में रखने से क्या होता है ?
नर्मदेश्वर शिवलिंग को घर में स्थापित करने से सुख-शन्ति और समर्धि का वास रहता है|
तथा भोलानाथ की कृपा से सभी मनोकामनाये पूरी होती है | हमें नर्मदेश्वर शिवलिंग घर में जरूर स्थापित करना चाहिए|
क्या हम नर्मदेश्वर शिवलिंग का लॉकेट पहन सकते हैं ?
हाँ हम नर्मदेश्वर शिवलिंग लॉकेट को पहन सकते है क्युकी यह स्वयंसिद्ध होता है|-इन्हें बिना किसी भी मंत्रो उच्चारण के बिना सीधे खरीद कर पहन सकते है| स्त्री पुरुष और बच्चे किसी भी राशी के लोग पहन सकते है|
सफेद शिवलिंग और काले शिवलिंग में क्या अंतर है ? –
शिवलिंग सफ़ेद हो या काला भोलेनाथ का ही स्वरूप है| पुरानो के अनुसार सफेद शिवलिंग बुरे विचारों को दूर करने में मदद करता है।और काला रंग भी अन्य रंगों को अवशोषित कर लेता है|
इसलिए काले पत्थर के शिवलिंग का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।
नर्मदा शिवलिंग कंहा से प्राप्त करे ? –
नर्मदेश्वर शिवलिंग मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के बकावां गांव में मिलता है|
जो ओरिजिनल नर्मदेश्वर शिवलिंग है| आप ऑनलाइन भी हमारी वेबसाइट से खरीद सकते है| https://narmadeshwarbanalingamshivling.in
नर्मदेश्वर शिवलिंग की पहचान कैसे करें ?
यह शिवलिंग अनेक रंगों में मिलते है यह चमकदार और चिकने प्रतीत होते है तथा इन पर प्राकृतिक आकृतिया उभरी हुयी रहती है जैसे ॐ की आकृति ,जनेऊ की आकृति, तिलक की आकृति अनेक देवी देवताओ की आकृतिया उभरी दिखाई देती है
नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना कैसे करें ? घर में शिवलिंग केसे रखे
नर्मदेश्वर शिवलिंग को सीधा माँ नर्मदा से निकाल कर घर में स्थापित कर सकते है| क्युकी इनको प्राण-प्रतिष्टा की आवश्यता नही होती क्युकी ये स्वयंभू शिवलिंग होते है|
कहते है , की जहा नर्मदेश्वर का वाश होता है| वहा भय और यम का वाश नही होता है|
घर में रखने के लिए सबसे अच्छा शिवलिंग कौन सा है ? || Best narmadeshwar shivling for home pooja
घर में रखने के लिए सबसे उत्तम शिवलिंग नर्मदेश्वर शिवलिंग है जो भोलेनाथ का साक्षात् स्वरूप है| इस शिवलिंग से सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होता रहता है|
जो नकारात्मक उर्जा को घर से दूर रखता है| और घर में सुख-शांति का वातावारण बना रहता है|
नर्मदेश्वर शिवलिंग का महत्व क्या है ? || Narmdeshwar shivling ka mahatw
माँ नर्मदा को वरदान के कारण यह शिवलिंग माँ नर्मदा के तल से प्राप्त होते है| जो अत्यंत पवित्र और पावन शिवलिंग होते है| जिनकी पूजा अर्चना करने से मनुष्यों की शक्ति बढती है।
और नीला कमल अर्पण करने से भाग्य उदय होता है| पुरानो में भी नर्मदेश्वर शिवलिंग का उल्लेख मिलता है
नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा कैसे करनी चाहिए ? || Narmdeshwar shivling ki pooja kese karani chahiye
- सुबह सबसे पहले स्नान करे और शिवलिंग को किसी बड़े थाल में रखे
- फिर शिवलिंग को जल से स्नान कराये और फिर दूध और पंचामृत से अभिषेक करे।
- शिवलिंग पर जल पुनः अर्पित करें।
- फिर बेलपत्र और पुष्प अर्पित करे
- उसके बाद भगवान शिव का ध्यान करें और ॐ नमः शिवाय का जाप करें।
शिवलिंग पर तुलसी चढ़ा सकते है ?
नही | पुरानो के अनुसार शिवलिंग पर तुलसी नही चढ़ा सकते क्यकी कुछ वस्तुए भोलेनाथ को पसंद नही है| और तुलसी की तो कथा भी प्रचलति है| शिव जी को केतकी के फुल कुमकुम सिंदूर कभी नही चढ़ाना चाहिए|
अखंड नर्मदेश्वर शिवलिंग क्या है ? || Akhand narmadeshwar shivling kya hai
ऐसा शिवलिंग जिसमे जलधारी और शिवलिंग साथ में जुड़े रहते है| उसे अखंड शिवलिंग कहते है| जो माँ नर्मदा से निकले पत्थर से निर्मित होते है|
जिनको मशीनों के द्वारा तरास कर शिवलिंग का रूप दिया जाता है अखंड शिवलिंग को कही पर भी आसानी से ले जा सकते है|
नर्मदेश्वर शिवलिंग का अभिषेक किन-किन चीजो से कर सकते है?
पुराणों के अनुसार भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय शिवलिंग का अभिषेक करना भगवान भोलाथ को ठंडी चीजो का अभिषेक अत्यंत प्रिय है
शिवलिंग पर सोमवार और शिवरात्रि पर विशेष रुप से अभिषेक करना चाहिए जिसमे दूध ,दही ,शंकर, और पंचामृत से अभिषेक अत्यंत प्रिय है|
नर्मदेश्वर शिवलिंग कैसे होता है? Narmadeshwar shivling kesa hota hai
नर्मदेश्वर शिवलिंग नर्मदा के पत्थर से निर्मित होता है जो चमकीला और चिकना दिखाई देता है नर्मदा से निकालने पर यह पूरी तरह अंडाकार नही होता है|
इनको मशीनों से तरास कर शिवलिंग का रूप दिया जाता है | नर्मदेश्वर शिवलिंग से अद्भुत ऊर्जा का संचार होता रहता है |
नर्मदेश्वर शिवलिंग के फायदे || Narmadeshwar shivling ke fayade –
नर्मदेश्वर शिवलिंग के अद्भुत फायदे है| जो कोई भी भक्त नर्मदेश्वर शिवलिंग की सच्चे मन से पूजा करता है| भोलेनाथ उसकी सभी मनोकामनाए पूरी करते है
- घर में सुख-शांति और लक्ष्मी का स्थायी वास होता है
- घर के लड़ाई झगड़ो के छुटकारा मिलता है
- पति-पत्नी के बिच के सम्बन्ध मधुर होते है
- नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा से अकाल मृत्यु की संभावना भी कम हो जाती है
- सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है
- सफलता के नये-नये रास्ते खुलते है |
नर्मदा नदी के शिवलिंग || Narmada nadi ke shivling –
नर्मदा नदी से जो शिवलिंग प्राप्त होते है उसे नर्मदा नदी के शिवलिंग कहते है| इन्हें नर्मदेश्वर शिवलिंग या नर्मदा शिवलिंग के नाम से भी जाना जाता है|


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